उफ्फ!! क्यों है चिराग तले अंधेरा
सुबह से शाम तक पिताजी मेहनत करते पर शहजादे दोपहर तक आराम फरमाते इसी कारण घर में अनबन बना रहे शाम सवेरा उफ्फ!! क्यों है चिराग तले अंधेरा पिताजी कहे hardwork बिन कुछ ना मिले मिले अगर कुछ तो वह किस्मत की देन समजले पर शहजादे पूजारी Smartwork के, काम में करे तेरा मेरा उफ्फ!! क्यों है चिराग तले अंधेरा पिताजी अपने जीवन में कष्ट सहन की खूप सारी हर छोटी उपलब्धि इसलिए उनको लगती थी प्यारी पर शहजादे को घर बैठकर मिले सारी फरमाइशें, कैसे समझें भवन्डर सारा उफ्फ!! क्यों है चिराग तले अंधेरा पिताजी कहे सुबह उठो और दो सेहत पर ध्यान शहजादे वो कैसे, जब सारी बाते लें वो मान पर वही बात वो समजने करे वो खर्च रुपया ढेर सारा उफ्फ!! क्यों है चिराग तले अंधेरा पिताजी कहे सच्चाई के रास्ते में चलने से जीवन सफल होगी सफलता मिलने में वक्त लगे पर मन रहे निरोगी पर शहजादे आधुनिक युग के भ्रम में चले झूठ का लिए सहारा उफ्फ!! क्यों है चिराग तले अंधेरा जिस दिन ऐसे शहजादे मानले अपने पिताजी की बात, समजकर उनको अपना साथी, पकड़ले उनकी हाथ उस दिन होगा एक नया उम्मीद का सवेरा, और निकल जाएगा चिराग तले ...